प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) एक ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों में भी अपनी पत्रकारिता की यात्रा को न केवल शुरू किया, बल्कि उसे एक बुलंदी तक पहुँचाया। वे “बेखौफ आवाज़” न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर और डायरेक्टर-इन-चीफ हैं। उनके कार्यों ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक अलग पहचान दिलाई है, खासकर बिहार जैसे राज्य में जहाँ जमीनी पत्रकारिता करना अपने आप में एक चुनौती है।
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) का जन्म 4 अप्रैल 1990 को बिहार की ऐतिहासिक धरती पटना सिटी में हुआ। उनके पिता का नाम श्री वीरेश कुमार और माता का नाम श्रीमती मंजू वर्मा है। एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले प्रकाश चंद्र बचपन से ही आत्मनिर्भर और कुछ अलग करने की चाहत रखते थे।
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने वर्ष 2008 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद 2010 में उन्होंने इंटरमीडिएट (आईएससी) की परीक्षा बायोलॉजी ऑनर्स से पास की। विज्ञान विषय में गहरी रुचि होने के बावजूद वे तकनीकी शिक्षा की ओर बढ़े और NIIT से बी.एससी. इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) में स्नातक की पढ़ाई की, जिसे उन्होंने 2013 में सफलतापूर्वक पूरा किया।
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) की पारिवारिक जीवन और संघर्ष
स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2014 में प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) का विवाह हो गया। विवाह के बाद उन पर पारिवारिक जिम्मेदारियाँ बढ़ गईं। उन्होंने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कई प्रकार की नौकरियाँ कीं। ये नौकरियाँ कभी उनकी योग्यता से मेल नहीं खाती थीं, लेकिन उन्होंने कभी मेहनत से पीछे नहीं हटे। वे अपने परिवार के लिए हर चुनौती को स्वीकार करते गए।
हालाँकि, इन सभी व्यावसायिक गतिविधियों के बीच भी उनका दिल कहीं और था – पत्रकारिता में। पत्रकारिता का बीज उनके भीतर बचपन से ही था। वे बचपन से ही समाज में घट रही घटनाओं को समझने, विश्लेषण करने और उसे दूसरों के समक्ष प्रस्तुत करने में रुचि रखते थे।
पत्रकारिता में प्रवेश – “बेखौफ आवाज़” की शुरुआत
अपने पत्रकारिता के जुनून को जीवंत करते हुए उन्होंने “बेखौफ आवाज़” नाम से एक यूट्यूब न्यूज़ चैनल की शुरुआत की। शुरुआत में यह कार्य आसान नहीं था। संसाधनों की कमी, अनुभव की सीमाएँ और सामाजिक विरोध जैसी कई चुनौतियाँ थीं। लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उनके अंदर समाज के लिए कुछ करने का जुनून था, और यही जुनून उन्हें आगे बढ़ाता रहा।
“बेखौफ आवाज़” नाम ही अपने आप में बहुत कुछ कहता है – एक ऐसी आवाज़ जो निडर होकर सच्चाई को सामने लाती है। प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) ने इस चैनल के माध्यम से ज़मीनी स्तर की समस्याओं, आम जनता की परेशानियों, सरकारी योजनाओं की वास्तविक स्थिति और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उजागर किया। उनकी रिपोर्टिंग का मुख्य फोकस जनता की आवाज़ को मंच देना था, जो अक्सर मुख्यधारा की मीडिया में दबा दी जाती है।
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) की पत्रकारिता की शैली
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) की पत्रकारिता की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे आम आदमी से जुड़ी खबरों को प्राथमिकता देते हैं। वे उन स्थानों तक पहुँचते हैं जहाँ बड़े मीडिया हाउस नहीं पहुँचते। उनकी रिपोर्टिंग सटीक, तथ्यों पर आधारित और निडर होती है। वे ना तो दबाव में आते हैं और ना ही किसी लालच में।
चाहे वह किसी गाँव में सड़क की समस्या हो, राशन वितरण में धांधली हो या फिर किसी पीड़ित की न्याय की गुहार – प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) हर बार मौके पर पहुँचते हैं और संबंधित अधिकारियों से सवाल पूछते हैं। उनकी यही निर्भीकता उन्हें भीड़ से अलग करती है।
सामाजिक प्रभाव
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) की पत्रकारिता का प्रभाव केवल यूट्यूब व्यूज़ तक सीमित नहीं है। उनकी कई रिपोर्ट्स के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और आम जनता की समस्याओं का समाधान हुआ। चाहे वह कोई बीमार बच्चा हो जिसे मदद की ज़रूरत थी, या कोई वृद्ध जिनका पेंशन बंद था – प्रकाश ने इन सबकी आवाज़ बनकर उन्हें न्याय दिलाने का काम किया।
इसके साथ ही वे सामाजिक मुद्दों पर भी खुलकर बोलते हैं – जैसे शिक्षा व्यवस्था की खामियाँ, बेरोजगारी, महँगाई, महिला सुरक्षा, और दलित-वंचित वर्गों के अधिकार। उनकी पत्रकारिता केवल रिपोर्टिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक चेतना का माध्यम भी बन चुकी है।
प्रेरणा और आदर्श
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) मानते हैं कि एक पत्रकार का सबसे बड़ा धर्म होता है सच्चाई के साथ खड़ा होना, चाहे उसके लिए कितनी भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े। वे उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो पत्रकारिता को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि एक सेवा के रूप में देखना चाहते हैं। उनके अनुसार आज के समय में जब मीडिया पर तरह-तरह के दबाव हैं, तब ज़रूरत है उन पत्रकारों की जो निडर होकर सच को सामने लाएँ और जनता की आवाज़ बनें। प्रकाश चंद्र उसी सोच का एक सशक्त उदाहरण हैं।
निष्कर्ष:
प्रकाश चंद्र (Prakash Chandra) की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस सोच की है जो कहती है कि अगर आपके अंदर जुनून और इरादा हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता। “बेखौफ आवाज़” आज न सिर्फ एक यूट्यूब चैनल है, बल्कि उन लाखों लोगों की आवाज़ है जो न्याय, सच्चाई और बदलाव की उम्मीद रखते हैं। उनकी ईमानदारी, मेहनत, और जनसेवा की भावना उन्हें बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर में एक प्रेरणादायक पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।
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