रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने प्रमोटरों के लिए आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी। कार्यशाला में प्रमोटरों को सभी आवेदनों का निपटारा अधिकतम 31 मार्च तक करने के मुद्दे पर जानकारी दी गई। जिन परियोजनाओं का कम से कम 80 प्रतिशत काम हो चुका है और सभी आवश्यक दस्तावेज संसाधित हो चुके हैं, उन्हें बातचीत करने का मौका है। हालांकि, कुछ मामलों में अधिक समय की अनुमति दी जा सकती है।
राज्य ब्यूरो, पटना। रेरा बिहार ने टीमों को पंजीकरण अवधि के विस्तार के लिए प्रक्रिया समय के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था, जो इस महीने के अंत तक किया जाना चाहिए। बिल्डरों के आवेदनों के लिए स्व-प्रमाणन व्यवस्था के तहत आयुक्तों की मंजूरी के बाद चर्चा हुई और बिल्डरों के आवेदनों का पृथक्करण हुआ। इस प्रशंसा का परिणाम श्रमिकों के पलायन (आउट-माइग्रेशन) में कमी के रूप में दिखाई देगा।
कार्यशाला आयोजित
रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने प्रमोटरों के लिए आयोजित कार्यशाला में यह जानकारी दी। उन्होंने घोषणा की कि प्राधिकरण सभी नामांकित परियोजनाओं को बिना देरी के पूरा करने की अपेक्षा करेगा, लेकिन यह भी संभव है कि कुछ मामलों में समय विस्तार की अनुमति दी जा सकती है। इससे अंततः परियोजना पूरी हो सकेगी और परियोजना में निवेश करने वालों को उनके घर मिल सकेंगे। कार्यक्रम का आयोजन प्रमोटरों को जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया था।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उन प्रमोटरों को जागरूक करना था, जिनकी परियोजनाओं के पंजीकरण की अंतिम तिथि 1 अप्रैल से 30 जून के बीच है। अब तक दो कार्यशालाएं हो चुकी हैं। कार्यशाला में 40 ऐसी परियोजनाओं का प्रस्तुतिकरण भी किया गया। पिछली कार्यशालाओं के विपरीत, जहां 17 परियोजनाएं तय समय के अनुसार पूरी हो गई थीं, नौ परियोजनाओं में अभी भी काफी समय बाकी है और 14 अन्य के समय सीमा पूरी नहीं करने की उम्मीद है।
कार्यशाला में रेरा जांच आयुक्त ने कहा कि प्रोजेक्ट समय पर पूरा होने से न सिर्फ घर खरीदारों के हितो की रक्षा होती है बल्कि प्रमोटरों की भी साख बनती है तथा उनकी रैंकिंग में भी सुधार होता है।
संजय कुमार सिंह, रेरा जांच आयुक्त
बक्सर: राजस्व संग्रह में पिछड़ने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया
रेरा बिहार सचिव आलोक कुमार ने प्रतिभागियों को कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी और विशेष पदाधिकारी राजेश थदानी ने आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी।
शुक्रवार को समाहरणालय सभा कक्ष में प्रभारी जिला पदाधिकारी कुमारी अनुपम सिंह के निर्देशन में आंतरिक संसाधनों की जांच की गई। इसके तहत विभिन्न निर्देश दिए गए। बैठक में हुई चर्चा में यह बात सामने आई कि सोन नहर प्रमंडल बक्सर, सोन नहर प्रमंडल आरा तथा जिला मत्स्य अधिकारी द्वारा दिए गए लक्ष्य पूरे नहीं किए गए। सोन नहर प्रमंडल तथा सोन नहर प्रमंडल आरा और जिला मत्स्य अधिकारी द्वारा कम वसूली किए जाने के कारण अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया तथा वित्तीय वर्ष के अंत तक शत-प्रतिशत राजस्व प्राप्ति के लिए कार्ययोजना तैयार करने की मांग की गई। अधिकारी इस अवधि के राजस्व लक्ष्य से पीछे रहे।
बताया गया है कि फरवरी तक सोन नहर प्रमंडल बक्सर ने मात्र 14.55 प्रतिशत, सोन नहर प्रमंडल आरा ने 44.47 प्रतिशत तथा जिला मत्स्य अधिकारी ने पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक वसूली की, जबकि वे मात्र 50.41 प्रतिशत राजस्व ही एकत्र कर पाए, जो लक्ष्य से कम था। वाक्य का अंतिम भाग गायब है। चालू वित्तीय वर्ष की अवधि तक शत-प्रतिशत राजस्व संग्रह कर लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास करें”।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिला अवर निबंधक बक्सर, अवर निबंधक डुमरांव, वाणिज्य कर, परिवहन, खनन, नगर परिषद बक्सर एवं डुमरांव, विद्युत, निरीक्षक माप-तौल, राष्ट्रीय बचत कृषि एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी वित्तीय वर्ष के अंत तक कार्ययोजना तैयार करेंगे तथा संबंधित विभागों का शत-प्रतिशत राजस्व संग्रहण सुनिश्चित करेंगे। समीक्षा बैठक में कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बक्सर एवं राष्ट्रीय बचत पदाधिकारी बक्सर उपस्थित नहीं थे। उनसे अनुपस्थिति के संबंध में प्रतिवेदन मांगा गया।
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